1)फार्मासिस्ट के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए आवश्यक न्यूनतम शिक्षा मानक निर्धारित करना। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 10)
2) फार्मेसी में शिक्षा प्रदान करने के लिए पीसीआई की मंजूरी चाहने वाले संस्थानों द्वारा पूरी की जाने वाली शर्तों को निर्धारित करने वाले शिक्षा विनियमों का निर्धारण। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 10)
3) पूरे देश में शैक्षिक मानकों का एक समान कार्यान्वयन सुनिश्चित करना। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 10)
4) निर्धारित मानदंडों की उपलब्धता को सत्यापित करने के लिए फार्मेसी अधिनियम के तहत अनुमोदन चाहने वाले फार्मेसी संस्थानों का निरीक्षण। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 16)
5)फार्मासिस्टों के लिए अध्ययन और परीक्षा के पाठ्यक्रम को मंजूरी देना यानी फार्मेसी पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले शैक्षणिक प्रशिक्षण संस्थानों को मंजूरी देना। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 12)
6)अनुमोदन वापस लेने के लिए, यदि अध्ययन का अनुमोदित पाठ्यक्रम या अनुमोदित परीक्षा पीसीआई द्वारा निर्धारित शैक्षिक मानकों के अनुरूप नहीं है। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 13)
7)उन क्षेत्रों के बाहर दी गई योग्यताओं को मंजूरी देना, जिन पर फार्मेसी अधिनियम का विस्तार है, यानी विदेशी योग्यता का अनुमोदन। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 14)
8)फार्मासिस्टों का केंद्रीय रजिस्टर बनाए रखना। (संदर्भ: फार्मेसी अधिनियम की धारा 15 ए)